परमानंदको भाव, ध = धरापर बिखरती । नि = निरंतर जीभ तोरी, सा = साक्षातच सरस्वती परमानंदको भाव, ध = धरापर बिखरती । नि = निरंतर जीभ तोरी, सा = साक्षात...
सुन सको तो सुन जाओ सूरों से सूर मिला जाओ। सुन सको तो सुन जाओ सूरों से सूर मिला जाओ।
तो हँसकर बोले वो तो भारत रत्न लता है। तो हँसकर बोले वो तो भारत रत्न लता है।
वन उपवन में ढूंढकर तुझको, चैन न आवे रात दिन मुझको, वन उपवन में ढूंढकर तुझको, चैन न आवे रात दिन मुझको,